एक ऐसा कानून होना चाहिए ना रखा कीजिए उम्मीद हर किसी से कि-"वो सब आपको समझते क्यों नहीं??"
क्योंकि जानते हैं हम सभी कि-" तराजू भी वजन बताती है केवल , क्वालिटी क्या है , कैसी है ??"
ये पैमाना तराजू के पास भी नहीं,
ये पैमाना तराजू के पास भी नहीं।
©kamlesh pratap singh