ऐ मेरे वतन के लोगो ज़रा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए है उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी,
कुछ याद 47 की है सरहदों ने दिलों को बांटा
ये देख के दिल रोता है अब धर्म दिलों को बांटे
जो संग खेले बचपन में वो बने ख़ून के प्यासे
मैं नहीं मानता मजहब जो इंसानों को बांटे।
जा पूछो विधवाओं से मांग है जिन की सूनी
पूछो उन मांओं से गोद है जिन की खाली
उन का को धर्म नहीं है जो सरहद पे लड़ते हैं
झंडे की शान के खातिर जो रोज खेलते होली
सच कहता हूं मेरे यारो वो सिर्फ है भारतवासी।
अंग्रेज़ो ने हम को लुटा अब लूट रही सरकारें
आपस में हमें लड़ा के खुश होते ये सारे
ऐ मेरे वतन के लोगों कुछ शर्म ज़रा तुम कर लो
कब तक यू ही लूटो गे अब रहम देश पे कर दो
एकता में ही बल हैं क्या तुमने नहीं सुना है
ये शान तिरंगे की अब तुम पे अान टीका है।
मुझे याद है मेरा बचपन जब कोई धर्म नहीं था
और न थी कोई जाती
सब संग खेला करते थे न मजहब की थी बाते
हाय आग लगे उस पल को जिस पल चढ़ी जवानी।
ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए है उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी।।
#RepublicDay #special #stopracism #BeIndian (ऐ मेरे वतन के लोगों) #Music #Myvoice #nojotohindi