जी हाँ दोस्तो एक बार फिर से जीवन के कठीन राहो पे चलते है
एक समय जब मै उदास बैठा था मुझे लगा कि ईस दुनिया में सबसे अधिक परसा और दुखी ईशान मै ही हूँ दुनियाभर के दुःख दर्द मेरे भाग्य में लिखा है मेरे आस पास मे बहुत से लोग रहते थे पर मैं अकेला ही समझ रहा था जैसे कि मै जीतना दुःखी हु उतना कोई नहीं है समय के साथ साथ दिन भी बीतने लगे एक दिन मे उस सुर्य को देखा रोज सुबह उगता और धिरे धिरे साम को डुब जाता फिर मेरे मन में एक ख्याल आया क्यो न में लोगो के बीच से एक येसी जगह चलूँ जहां कौई भी ना हो फिर मे जाना शुरू कर दिया तो दो से तीन दिन मे मुझे दूनिया के वो खुशी मीली जीसे मै कह नहीं सकता सच में जीवन की कठीन से कठीन समस्या का समाधान मीलेगा पर दुःख हो या परसानी मन और दिल को किसी शांत जगहों पर जाकर कुछ समय शांत हो कर बैठ जाये जब मन शांत होगा तो तुमको हर समस्या का समाधान मील जायेगा
©RAMLALIT NIRALA
#where_is_my_train जीवन में कभी भी दुःखी नहीं होना चाहिए