दिल तोड़ देते हैं, और आंखें नम कर जाते हैं।
बातें करते हैं प्यार की, लेकिन सिर्फ़ यादें बनकर रह जाते हैं।
वो लम्हें जो कभी खुशनुमा थे, अब बस दर्द का सबब बन जाते हैं।
बदलते मौसम हों या बदलते लोग, पगले बीमार कर ही जाते हैं। 🥺
कभी हँसी के फूल खिलाते थे, अब आँसुओं का सैलाब लाते हैं।
वो वादे जो कभी निभाने थे, अब बस कहानियों में रह जाते हैं।
दिल में एक टीस छोड़ जाते हैं, और ख़्वाबों को बिखेर जाते हैं।
बदलते मौसम हों या बदलते लोग, पगले बीमार कर ही जाते हैं। 🥺
©Nurul Shabd
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