White तिश्नगी थोड़ी बढ़ाकर देखना
सूख जाएगा समुन्दर देखना
अपनी आदत, अपने अन्दर देखना
देखना खुद को निरंतर देखना
हर बुलंदी पर है तन्हाई बहुत
सख्त मुश्किल है सिकंदर देखना
शाख से टूटा हुआ पत्ता हूँ मैं
देखना मेरा मुक़द्दर देखना
खून जिनका धर्म और ईमान है
उनके छज्जे पर कबूतर देखना
झूठ-सच का फैसला लेना हो जब
चीखता है कौन अन्दर देखना
मेरा और साहिल का रिश्ता है अजब
दोनों के रस्ते में पत्थर, देख ना!
©Deepubodhi
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