तुम खुद की रौशनी हो ,
अंधकार के आभामंडल में ,
निरंतर फैलती रौशनी हो ।
जिस जीवन के रंगमंच में,
हर किरदार शुसज्जित हो ।
कुछ किरने गर कूच करें ,
तब शेष किरने समर्पित हो ।
वक्त के हर पहर का तुम में,
सारा हिसाब एकत्रित हो ।
इंसान के इस भेस में,
अच्छे कर्म की लौ प्रज्वलित हो ।
तुम्हारी खुद की जीवनी में,
हर दिन तुम्हारा उल्लेखित हो ।
@लेखकRai
#Openmic1 #Nojotovoice