White बेवजह ही हवा को दोषी ठहरा रही थी चीजों को तह | हिंदी शायरी

"White बेवजह ही हवा को दोषी ठहरा रही थी चीजों को तहस नहस करने की, जबकि गलती तो मेरी थी कि मैने खिड़की खोल दी। ©Supriya Jha"

 White बेवजह ही हवा को दोषी ठहरा रही थी चीजों को तहस नहस करने की, 
जबकि गलती तो मेरी थी कि मैने खिड़की खोल दी।

©Supriya Jha

White बेवजह ही हवा को दोषी ठहरा रही थी चीजों को तहस नहस करने की, जबकि गलती तो मेरी थी कि मैने खिड़की खोल दी। ©Supriya Jha

#sad_shayari

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