ये ज़िंदगी एक पैकेज है... जैसे ट्रैवल पैकेज होता | हिंदी कविता

"ये ज़िंदगी एक पैकेज है... जैसे ट्रैवल पैकेज होता है न बस वैसा ही.. ट्रैवल में मज़ा तो बहुत आता है साथ ही तकलीफ़ें भी होती है.... खाने को जो चाहिए वो नही मिलता.. घर जैसी नींद भी नही मिलती.. ऐसी छोटी मोटी तकलीफ़ें तो होती हैं... मगर कुछ नया सीखने का मज़ा भी खूब आता है बस ज़िंदगी भी एक पैकेज है... थोड़ी उलझने, थोड़ी तकलीफ़ें, थोड़े गम भी आयेंगे... मगर इस सफर में जो टिक गई न.. ज़िंदगी बहुत कुछ नया सिखायेगी.... मुस्कुराना, रोना भी सिखाएगी और तकलीफों से लड़ना भी सिखायेगी !! नताशा राय✍️ ©Natasha Rai"

 ये ज़िंदगी एक पैकेज है... 
जैसे ट्रैवल पैकेज होता है न बस वैसा ही.. 
ट्रैवल में मज़ा तो बहुत आता  है
साथ ही तकलीफ़ें भी होती है.... 
खाने को जो चाहिए वो नही मिलता.. 
घर जैसी नींद भी नही मिलती..
ऐसी छोटी मोटी तकलीफ़ें तो होती हैं... 
मगर कुछ नया सीखने का मज़ा भी खूब आता है
बस ज़िंदगी भी एक पैकेज है...
थोड़ी उलझने, थोड़ी तकलीफ़ें, थोड़े गम भी आयेंगे... 
मगर इस सफर में जो टिक गई न..
ज़िंदगी बहुत कुछ नया सिखायेगी....
मुस्कुराना, रोना भी सिखाएगी और तकलीफों से लड़ना भी सिखायेगी !!

नताशा राय✍️

©Natasha Rai

ये ज़िंदगी एक पैकेज है... जैसे ट्रैवल पैकेज होता है न बस वैसा ही.. ट्रैवल में मज़ा तो बहुत आता है साथ ही तकलीफ़ें भी होती है.... खाने को जो चाहिए वो नही मिलता.. घर जैसी नींद भी नही मिलती.. ऐसी छोटी मोटी तकलीफ़ें तो होती हैं... मगर कुछ नया सीखने का मज़ा भी खूब आता है बस ज़िंदगी भी एक पैकेज है... थोड़ी उलझने, थोड़ी तकलीफ़ें, थोड़े गम भी आयेंगे... मगर इस सफर में जो टिक गई न.. ज़िंदगी बहुत कुछ नया सिखायेगी.... मुस्कुराना, रोना भी सिखाएगी और तकलीफों से लड़ना भी सिखायेगी !! नताशा राय✍️ ©Natasha Rai

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