मेरà

"मेरी दुआ अगर किसी की नशे जैसी बुरी लत दूर होती है बात करके, किसी की जिंदगी बचाने के लिए (डॉ.श्वेता सिंह) स्वीकार करें, अगर किसी का लक्ष्य पूरा होता है, आपके सम्पर्क में आकर तो स्वीकार करें‌। अगर कोई अपने रास्ते से भटक रहा है, उसको सही सलाह देने से, वो अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लें। इससे बढ़कर और कोई सुख नहीं। आपका उद्देश्य गलत नहीं होना चाहिए। जिंदगी में थोड़ा झूककर चलने में हर्ज ही क्या है? अपने अंदर इंसानियत हमेशा जगाएं रखना। चाहे कितनी ऊंचाई छू लेना। बस हर कर्म में मालिक का साथ हो। हर शख्स में आपका चेहरा नजर आए। नहीं चाहिए इतनी ऊंचाई जहां से आपसे दूर होना पड़े। आपका साथ है तो मैं हूं वरना मेरा कोई वजूद नहीं। खुशियां बांटोगे तो उससे बढ़कर खुशियां आपके पास आएगी। गुज़ारिश है मालिक जब ही हाथ उठे हमेशा नेक काम के लिए उठे।(डॉ. श्वेता सिंह) ©Dr.Shweta Singh"

 मेरी दुआ  अगर किसी की नशे जैसी बुरी लत दूर होती है बात करके, किसी की जिंदगी बचाने के लिए (डॉ.श्वेता सिंह) स्वीकार करें, अगर किसी का लक्ष्य पूरा होता है, आपके सम्पर्क में आकर तो स्वीकार करें‌। अगर कोई अपने रास्ते से भटक रहा है, उसको सही सलाह देने से, वो अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लें। इससे बढ़कर और कोई सुख नहीं। आपका उद्देश्य गलत नहीं होना चाहिए। जिंदगी में थोड़ा झूककर चलने में हर्ज ही क्या है? अपने अंदर इंसानियत हमेशा जगाएं रखना। चाहे कितनी ऊंचाई छू लेना। बस हर कर्म में मालिक का साथ हो। हर शख्स में आपका चेहरा नजर आए। नहीं चाहिए इतनी ऊंचाई जहां से आपसे दूर होना पड़े। आपका साथ है तो मैं हूं वरना मेरा कोई वजूद नहीं। खुशियां बांटोगे तो उससे बढ़कर खुशियां आपके पास आएगी। गुज़ारिश है मालिक जब ही हाथ उठे हमेशा नेक काम के लिए उठे।(डॉ. श्वेता सिंह)

©Dr.Shweta Singh

मेरी दुआ अगर किसी की नशे जैसी बुरी लत दूर होती है बात करके, किसी की जिंदगी बचाने के लिए (डॉ.श्वेता सिंह) स्वीकार करें, अगर किसी का लक्ष्य पूरा होता है, आपके सम्पर्क में आकर तो स्वीकार करें‌। अगर कोई अपने रास्ते से भटक रहा है, उसको सही सलाह देने से, वो अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लें। इससे बढ़कर और कोई सुख नहीं। आपका उद्देश्य गलत नहीं होना चाहिए। जिंदगी में थोड़ा झूककर चलने में हर्ज ही क्या है? अपने अंदर इंसानियत हमेशा जगाएं रखना। चाहे कितनी ऊंचाई छू लेना। बस हर कर्म में मालिक का साथ हो। हर शख्स में आपका चेहरा नजर आए। नहीं चाहिए इतनी ऊंचाई जहां से आपसे दूर होना पड़े। आपका साथ है तो मैं हूं वरना मेरा कोई वजूद नहीं। खुशियां बांटोगे तो उससे बढ़कर खुशियां आपके पास आएगी। गुज़ारिश है मालिक जब ही हाथ उठे हमेशा नेक काम के लिए उठे।(डॉ. श्वेता सिंह) ©Dr.Shweta Singh

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