तुम फिर आना... (अध्याय-1,भाग-06) मिस्टर ब्रिगेंजा | हिंदी Video

"तुम फिर आना... (अध्याय-1,भाग-06) मिस्टर ब्रिगेंजा को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो जैसे वो किसी ज़रूरी कार्य मे व्यस्त हों।उन्हें ये ज़रा भी एहसास नहीं हुआ कि उनके ऑफिस में मिसेज माथुर और 10 साल के अनन्त के रूप में दो सख्स और भी मौजूद थे।लगभग 5 मिनट तक उनके ऑफिस में किसी शांति का वातावरण बना रहा।मिसेज माथुर ने भी मिस्टर ब्रिगेंजा को उनके काम के बीच मे डिस्टर्ब न करने में ही भलाई समझी।अचानक मिस्टर ब्रिगेंजा का ध्यान मिसेज माथुर की ओर आकर्षित किया स्कूल की बजने वाली उस बेल ने जो इशारा कर रही थी स्कूल के सभी बच्चों को की उनकी प्रेयर का समय शुरू हो चुका है।इस प्रकार अचानक से अपने ऑफिस में मिसेज माथुर को अपने सामने देख खुशी से मुस्कुरा उठे मिस्टर ब्रिगेंजा। गुड मॉर्निंग मिसेज माथुर!हमारे इस स्कूल में मैं मिस्टर ब्रिगेंजा आपका तहे दिल से स्वागत करता हूं।अरे!आप खड़ी क्यों हैं?? ओ...ओ सॉरी मिसेज माथुर !मैं आपको देख नहीं पाया।दरअसल मैं अपने एक ज़रूरी कार्य मे व्यस्त था।मिस्टर ब्रिगेंजा के इस आदर भरे अनुग्रह का आभार प्रकट करते हुए सामने पड़ी एक लकड़ी की कुर्सी पर जा बैठीं मिसेज माथुर। तो ये है आपका पोता जिसके बारे में आपने मुझे बताया था? अनन्त को नीचे से ऊपर तक अजीब निगाह से देखते हुए मिसेज माथुर से पूछा मिस्टर ब्रिगेंजा ने। "जी हाँ मिस्टर ब्रिगेंजा!यही है मेरा पोता अनन्त।और आज मैं इसको आपके स्कूल में इसीलिए लायी हूँ ताकि आज आप इसका एडमिसन अपने स्कूल में ले सकें।" मिस्टर ब्रिगेंजा की ओर देखते हुए बोलीं मिसेज माथुर।उनके शब्दों में गंभीरता अलग ही झलक रही थी। (To be continue) ©#sadDeepak1992 "

तुम फिर आना... (अध्याय-1,भाग-06) मिस्टर ब्रिगेंजा को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो जैसे वो किसी ज़रूरी कार्य मे व्यस्त हों।उन्हें ये ज़रा भी एहसास नहीं हुआ कि उनके ऑफिस में मिसेज माथुर और 10 साल के अनन्त के रूप में दो सख्स और भी मौजूद थे।लगभग 5 मिनट तक उनके ऑफिस में किसी शांति का वातावरण बना रहा।मिसेज माथुर ने भी मिस्टर ब्रिगेंजा को उनके काम के बीच मे डिस्टर्ब न करने में ही भलाई समझी।अचानक मिस्टर ब्रिगेंजा का ध्यान मिसेज माथुर की ओर आकर्षित किया स्कूल की बजने वाली उस बेल ने जो इशारा कर रही थी स्कूल के सभी बच्चों को की उनकी प्रेयर का समय शुरू हो चुका है।इस प्रकार अचानक से अपने ऑफिस में मिसेज माथुर को अपने सामने देख खुशी से मुस्कुरा उठे मिस्टर ब्रिगेंजा। गुड मॉर्निंग मिसेज माथुर!हमारे इस स्कूल में मैं मिस्टर ब्रिगेंजा आपका तहे दिल से स्वागत करता हूं।अरे!आप खड़ी क्यों हैं?? ओ...ओ सॉरी मिसेज माथुर !मैं आपको देख नहीं पाया।दरअसल मैं अपने एक ज़रूरी कार्य मे व्यस्त था।मिस्टर ब्रिगेंजा के इस आदर भरे अनुग्रह का आभार प्रकट करते हुए सामने पड़ी एक लकड़ी की कुर्सी पर जा बैठीं मिसेज माथुर। तो ये है आपका पोता जिसके बारे में आपने मुझे बताया था? अनन्त को नीचे से ऊपर तक अजीब निगाह से देखते हुए मिसेज माथुर से पूछा मिस्टर ब्रिगेंजा ने। "जी हाँ मिस्टर ब्रिगेंजा!यही है मेरा पोता अनन्त।और आज मैं इसको आपके स्कूल में इसीलिए लायी हूँ ताकि आज आप इसका एडमिसन अपने स्कूल में ले सकें।" मिस्टर ब्रिगेंजा की ओर देखते हुए बोलीं मिसेज माथुर।उनके शब्दों में गंभीरता अलग ही झलक रही थी। (To be continue) ©#sadDeepak1992

#deepak1992(तुम फिर आना-एपिसोड-06

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