ये सोचता हूँ मै अक्सर
जो आता है मुझे नजर
ये धरती, या ये आकाश
सूर्य का अदभुत प्रकाश
चंदा गोल,टीमटिमाते तारे
बनाये ये सब,किसने सारे
ठंडी, गर्मी औऱ ये बरसात
लू के दिन,अमावस की रात
पाने की खुशी, खोने का डर
ये सोचता हूँ मै अक्सर
जो आता है मुझे नजर
©Kamlesh Kandpal
#प्रकृति का सौंदर्य हिंदी कविता