अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए..! कितने शरीफ़ ल | हिंदी Shayari

"अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए..! कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए!! सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवक़ूफ़! सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए!! ©Sarfaraj idrishi"

 अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए..!
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए!!

सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवक़ूफ़!
सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए!!

©Sarfaraj idrishi

अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए..! कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए!! सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवक़ूफ़! सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए!! ©Sarfaraj idrishi

#SunandMe अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए..!
*कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए!!*

*सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवक़ूफ़!*
*सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए!!*@Anwesha Rath Ramesh (rs)raj...... @Anupriya Manni Kumar * @sana naaz

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