"याद आता है जब इस कॉपी के पन्नों को देखती हूं
खुद की अठखेलनिया , यू शरारत करना , यू ही बंक करके सबका कैंटीन में बैठना,
कब बीत गया यह पल पता ही नहीं चला
कब पन्नों को भरते भरते यह पल बित गए।।।"
याद आता है जब इस कॉपी के पन्नों को देखती हूं
खुद की अठखेलनिया , यू शरारत करना , यू ही बंक करके सबका कैंटीन में बैठना,
कब बीत गया यह पल पता ही नहीं चला
कब पन्नों को भरते भरते यह पल बित गए।।।