ज़िन्दगी ने बहुत कुछ सिखाया,
फिर भी मैंने अपना दिल हर बार दुखाया,
सोची इस बार नही होगा,
ऐसे कर के फिर से उम्मीद को जगाया,
देखो, फिर से किसी ने बेरहमी की तरह तोड़ा,
सहारा देकर किसी ने फिर से मुझसे मुह मोड।
सीने में जलन सी होने लगी है,
आंखों से आंसू निकलने लगी है,
टुटी हु इस बार थोड़े और सलीके से,
चलो अच्छा सबक सिखाया
अब याद रखूंगी हर बार तुम्हारे
नज़रअंदाज़ लम्हो को,
कभी उम्मीद न करूँगी
किसी ओर की बातों पर।
©Barnwal Chhoti
#Shajar