गर रूठ जाती तो मनाने आते,
काश मेरे गुस्से पे तुम मुझे समझाने आते,
पलट कर मांग लेती माफी तुमसे,
मेरी जान अगर तुम मुझपे हक़ जताने आते,
भले सच झूठ में उलझी हैं दुनिया यहां,
मैं मान लेती हर वो बात जो तुम बताने आते।।
©Shivani Singh
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