सच के आइने में देखकर शक्ल अपनी, झूठ को बेनकाब करने | हिंदी कविता

"सच के आइने में देखकर शक्ल अपनी, झूठ को बेनकाब करने का हूनर रखता हूं।"

 सच के आइने में देखकर शक्ल अपनी,
झूठ को बेनकाब करने का हूनर रखता हूं।

सच के आइने में देखकर शक्ल अपनी, झूठ को बेनकाब करने का हूनर रखता हूं।

#मेरी_डायरी_से

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