प्यार अनमोल था मोल नहीं पाई , बात जुबां तक आई बोल | हिंदी शायरी

"प्यार अनमोल था मोल नहीं पाई , बात जुबां तक आई बोल नहीं पाई। जालिम जमाने का डर था मन में , राज मुहब्बत का मैं खोल नहीं पाई । ©BPYadav ©🎡🍑WRITER'S CHOICE🍑🎡"

 प्यार अनमोल था मोल नहीं पाई ,
बात जुबां तक आई बोल नहीं पाई।
जालिम जमाने का डर था मन में ,
राज मुहब्बत का मैं खोल नहीं पाई ।
©BPYadav

©🎡🍑WRITER'S CHOICE🍑🎡

प्यार अनमोल था मोल नहीं पाई , बात जुबां तक आई बोल नहीं पाई। जालिम जमाने का डर था मन में , राज मुहब्बत का मैं खोल नहीं पाई । ©BPYadav ©🎡🍑WRITER'S CHOICE🍑🎡

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