Sleep and Dreams ख़ामोश सा सितारा हूं । चांद की | हिंदी कविता

"Sleep and Dreams ख़ामोश सा सितारा हूं । चांद की तरह नहीं बन पाऊंगा ।। दिल तो टूटता ही रहता है मेरा पर बिना ज़मीर के कहां जाऊंगा ? दुष्यंत"

 Sleep and Dreams 


ख़ामोश सा सितारा हूं ।
चांद की तरह नहीं बन पाऊंगा ।।

दिल तो टूटता ही रहता है मेरा
पर बिना ज़मीर के कहां जाऊंगा ?
                 दुष्यंत

Sleep and Dreams ख़ामोश सा सितारा हूं । चांद की तरह नहीं बन पाऊंगा ।। दिल तो टूटता ही रहता है मेरा पर बिना ज़मीर के कहां जाऊंगा ? दुष्यंत

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