वो चाँद नही वो तो हुस्न की दरिया थी, वो चाँद नही | हिंदी शायरी
"वो चाँद नही वो तो हुस्न की दरिया थी,
वो
चाँद नही हुस्न की दरिया थी,
मैं तो उससे प्यार भी नही करता था
मैं
तोउससे प्यार भी नही करता था
क्योंकि
वो बहुत करिया थी"
वो चाँद नही वो तो हुस्न की दरिया थी,
वो
चाँद नही हुस्न की दरिया थी,
मैं तो उससे प्यार भी नही करता था
मैं
तोउससे प्यार भी नही करता था
क्योंकि
वो बहुत करिया थी