आज का ज्ञान आज का ज्ञान आज कल किसी को ज्ञान सुनाओ तो वह बोलता है कि तू बाबा बन जा! दास का उनसे सवाल होता है क्या गुरु जी ने कहा कि बाबा बनो या डेरा खोलो गुरु जी ने तो कहा किरत करो धर्म की फिर नाम जपो रब का फिर वंड के छको! ये गुरु जी ने कब कहा कि बाबा बनो, बानी का व्यापार करो और डेरा खोलो ये कहीं लिखा है क्या? जो पैसे लेकर बानी पड़ते हैं उनके बारे में गुरु जी फ़रमान करते हैं,"मलेष धान लै पूजै पुराण।" ,"माया कारण विद्या वेच्य जन्म अबिरथा जाई।।" गुरु जी ने तो कहा है ग्रस्त आश्रम में रहते खुदा को पाना है वह जुगति मुक्ति की संतो से लेनी है जिसकी सेवा की ड्यूटी(नामदान देने की) संतो को खुदा ने खुद लगाई है।। ऐसे संतो का संग करना है।। गुरू जी फ़रमान करते हैं:- मुक्त भुगत जुगत तेरी सेवा जिस तूँ आप कराएं।","नाम की महिमा संत रिध बसै संत प्रताप दुरत सभ नसै।" ,"सत परमेश्वर सत साध जन नेहचल हर का नाउ।।"
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