प्रातः काल दोहे (भाग - 28)
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मन मंदिर में ज्ञान की, जले सदा ही ज्योत।
साधन इसका भक्ति है, माता इसका स्त्रोत।।
कृष्ण दर्श हमको मिले, चाह न कोई और।
कृष्ण चरण में स्थान हो, और न कोई ठौर।।
शिव शंभू कैलाश पति, बाबा भोले नाथ।
दर्शन हमको दीजिए, गौरा माँ के साथ।।
©Uma Vaishnav
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