White ज़ब से मैं धन जमा कर कगाली से मालदार बन गया | हिंदी कविता

"White ज़ब से मैं धन जमा कर कगाली से मालदार बन गया हूँ.. और मुझमे इतना हौसला भी आ गया है कि मैं अमीरों के गिरेबान मे झाँकने के काबिल भी हो गया हू तबसे मैं डरा हुआ हू कि कही अमीरों के गिरेबान मे झाकने की सज़ा मुझे मिल जाये और हो सकता है मेरी अमीरी को छीन कर मुझे फिर से मुझे कंगाल न बना दिया जाय ©Parasram Arora"

 White ज़ब से मैं धन जमा कर  कगाली से मालदार  बन गया हूँ..
और मुझमे इतना हौसला भी आ गया है कि मैं अमीरों के गिरेबान मे झाँकने के काबिल भी हो गया हू 


तबसे  मैं डरा हुआ हू कि कही अमीरों के गिरेबान मे झाकने की सज़ा   मुझे मिल जाये और हो सकता है मेरी अमीरी को छीन कर मुझे फिर से  मुझे कंगाल न बना दिया जाय

©Parasram Arora

White ज़ब से मैं धन जमा कर कगाली से मालदार बन गया हूँ.. और मुझमे इतना हौसला भी आ गया है कि मैं अमीरों के गिरेबान मे झाँकने के काबिल भी हो गया हू तबसे मैं डरा हुआ हू कि कही अमीरों के गिरेबान मे झाकने की सज़ा मुझे मिल जाये और हो सकता है मेरी अमीरी को छीन कर मुझे फिर से मुझे कंगाल न बना दिया जाय ©Parasram Arora

कंगाली से अमीरी

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