मोहब्बत की नीव नफरत से न जोड़ी जाएगी , इंसानियत की | हिंदी शायरी
"मोहब्बत की नीव नफरत से न जोड़ी जाएगी ,
इंसानियत की उम्मीद कई दफा तोड़ी जाएगी ,
दो दिलेर दरिया जहां मिले वहां संगम होगा ,
एकतरफा मिली इश्क की खैरात कहां बटोरी जाएगी ,
-DHARMENDRA KASHYAP"
मोहब्बत की नीव नफरत से न जोड़ी जाएगी ,
इंसानियत की उम्मीद कई दफा तोड़ी जाएगी ,
दो दिलेर दरिया जहां मिले वहां संगम होगा ,
एकतरफा मिली इश्क की खैरात कहां बटोरी जाएगी ,
-DHARMENDRA KASHYAP