मुद्दतों बाद हुई आज,
वही मखमली सी आवाज का एहसास,
सामने हो आया हो अतीत के दृश्य,
वो स्नेहिल स्पर्श,
उसके विरह भरे स्वर में,
थी मेरे लिए अगाध प्रेम,
मिलने की आशा,
प्रतिक्षा का भाव,
उसके चंद शब्द जैसे कह जाना चाहती थी,
एक दशक की पूरी कहानी,
मुझे खुशी हुई की लोग मुझे रखें है,
सहेज कर अपनी यादों के संदूक में।
©Akshay Shivam
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