सुभौ छवी लगौं त,दिल अपणु लूटैयाली मिल माया की कित | हिंदी Poetry

"सुभौ छवी लगौं त,दिल अपणु लूटैयाली मिल माया की किताब मा, गीत वा बणैयाली मिल दिल मा दंदोल करयूँ च आंखयूं कु "राज" अर स्या देखि माया भी बटोल्याली मिल कौथीगर बणी चली गयों प्रीत का गौँ मा पर लगणु मोल भौ गलत कैरयाली मिल वा मुखड़ी चौतरफी दिखेणी मिथे दस दौँ पाणी ळ,आँखि भी धुयाली मिल कबलाठ सी होणु च जिकुड़ी का भितर सैत माया कु रोग नखरु लगेयाली मिल सुपन्या अर ख्यालुमा रगर्याणी रैदी वा ब्यखुनी सुबेर उठापोड़ कैरयाली मिल मायादार ना अब ब्योली बणाण मिल वा सैरी दुन्या थै या बात सुणैयाली मिल ©Saurabh Raj Sauri"

 सुभौ छवी लगौं त,दिल अपणु लूटैयाली मिल 
माया की किताब मा, गीत वा बणैयाली मिल 

दिल मा दंदोल करयूँ च आंखयूं कु "राज" 
अर स्या देखि माया भी बटोल्याली मिल 

कौथीगर बणी चली गयों प्रीत का गौँ मा 
पर लगणु मोल भौ गलत कैरयाली मिल 

वा मुखड़ी चौतरफी दिखेणी मिथे 
दस दौँ पाणी ळ,आँखि भी धुयाली मिल 

कबलाठ सी होणु च जिकुड़ी का भितर 
सैत माया कु रोग नखरु लगेयाली मिल 

सुपन्या अर ख्यालुमा रगर्याणी रैदी वा
ब्यखुनी सुबेर उठापोड़ कैरयाली मिल 

मायादार ना अब ब्योली बणाण मिल वा 
सैरी दुन्या थै या बात सुणैयाली मिल

©Saurabh Raj Sauri

सुभौ छवी लगौं त,दिल अपणु लूटैयाली मिल माया की किताब मा, गीत वा बणैयाली मिल दिल मा दंदोल करयूँ च आंखयूं कु "राज" अर स्या देखि माया भी बटोल्याली मिल कौथीगर बणी चली गयों प्रीत का गौँ मा पर लगणु मोल भौ गलत कैरयाली मिल वा मुखड़ी चौतरफी दिखेणी मिथे दस दौँ पाणी ळ,आँखि भी धुयाली मिल कबलाठ सी होणु च जिकुड़ी का भितर सैत माया कु रोग नखरु लगेयाली मिल सुपन्या अर ख्यालुमा रगर्याणी रैदी वा ब्यखुनी सुबेर उठापोड़ कैरयाली मिल मायादार ना अब ब्योली बणाण मिल वा सैरी दुन्या थै या बात सुणैयाली मिल ©Saurabh Raj Sauri

सुभौ छवी लगौं त 💛

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