White बन सकेगा नही मकान, रहेगा कैसे ईन्सान। देख जर | हिंदी कविता

"White बन सकेगा नही मकान, रहेगा कैसे ईन्सान। देख जरा भगवान,नियति का विधान।। किसी को मिला मकान,किसी को कर दिया विरान। व्यथितत हो रहा मन,सह नही रहा है तन।। मिले सबको मकान,बने सबका मकान।। ©रघुराम"

 White बन सकेगा नही मकान, रहेगा कैसे ईन्सान।
देख जरा भगवान,नियति का विधान।।
किसी को मिला मकान,किसी को कर दिया विरान।
व्यथितत हो रहा मन,सह नही रहा है तन।।
मिले सबको मकान,बने सबका मकान।।

©रघुराम

White बन सकेगा नही मकान, रहेगा कैसे ईन्सान। देख जरा भगवान,नियति का विधान।। किसी को मिला मकान,किसी को कर दिया विरान। व्यथितत हो रहा मन,सह नही रहा है तन।। मिले सबको मकान,बने सबका मकान।। ©रघुराम

#Sad_Status मकान

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