आओ तो जरा मेरे पास कभी,बातें कुछ हमसे भी कर लो।
मुलाकात भी हो जाए तुमसे,दिल की दुनिया से भी मिलना हो।
कुछ तुम बोलो,कह दें कुछ हम,बातों से फिर बातें कर लो।
कुछ दर्द बयाँ हम तुमसे करें,कुछ मरहम सा तुम भी कर दो।
आओ तो जरा मेरे पास कभी....
फिर मिलना बिछड़ना करते हैं,कुछ मनाना रूठना भी कर लो।
चुप हो जाना जब रूठना तुम,दिल मेरा थोड़ा परेशां हो।
होठों पर मेरे माफी हो,मेरे होठ तेरे गालों पर हों।
तुम मुस्का देना देकर माफी,जब बाहें तेरी गले पर हों।
आओ तो जरा मेरे पास कभी....
बातें कुछ दिल की तुमसे...😍