तुम अब भी याद आते हो
सच है तुम याद आते हो
किसी भीड़ में खुद को अकेला जब भी पाऊं तो
सच है याद आते हो बहुत तुम याद आते हो
वो लम्हें तुमसे मिलने के वो बातें जो तुमसे करते थे
वो लम्हें याद आते हैं हां वो बातें याद आती है
वो तेरा मुस्कुराना भी वो तेरा नजर चुराना भी
वो तेरा नाराज होकर फिर फौरन मान जाना भी
सब कुछ याद आता है सच में याद आता है
वो तेरा तल्ख लहज़ो में मुझको डांट देना भी
वो मुझसे लिपट कर फिर तेरा आंसू बहाना भी
हां सब कुछ याद आते हैं सच में याद आते हैं
वो वादे साथ चलने के वो वादे न बिछड़ने के
वो वादे याद आते हैं सच में याद आते हैं
©Simab Eak Ehsaas
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