नफ़रतों के बाज़ार में सबसे ऊंची बोली मेरे मज़हब की लग | हिंदी शायरी

"नफ़रतों के बाज़ार में सबसे ऊंची बोली मेरे मज़हब की लगी है बहुत से ख़रीददार हाथों में पत्थर और जुबाँ पे गालियां लिए खड़े है। अकरम रज़ा खान"

 नफ़रतों के बाज़ार में सबसे ऊंची बोली मेरे मज़हब की लगी है
बहुत से ख़रीददार हाथों में पत्थर और जुबाँ पे गालियां लिए खड़े है।


अकरम रज़ा खान

नफ़रतों के बाज़ार में सबसे ऊंची बोली मेरे मज़हब की लगी है बहुत से ख़रीददार हाथों में पत्थर और जुबाँ पे गालियां लिए खड़े है। अकरम रज़ा खान

नफ़रतों का बाज़ार सज चुका है। #Nojoto #nojotonews #nojotoshayari #nojotourdu #arzhai @aarif Khan heera @uzma Almas @Sadiya @Vasim Khan @Iram Shaheen

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