अंकुरित होता है जब मन में महिषासुर रूपी विचार, पोष | हिंदी Quotes Vide

"अंकुरित होता है जब मन में महिषासुर रूपी विचार, पोषित होता है जो काम से, क्रोध से और अहंकार, निरंतर सिंचित होता है जब ये विचार, जन्म लेता है तब एक विराट दानवी संस्कार। विनाश ही नियति है उसकी, जिसमे पनपते है ऐसे कुविचार, यही वो क्षण है, त्यागो लोभ, क्रोध और अहंकार, करो सत्य, प्रेम, धर्म, धैर्य और साहस रूपी "शक्ति" को अंगीकार, ऐसे ही विराट अवसर पर, आप सबको मंगलमय हो विजयादशमी का त्योहार। ©Gaurav Satyarthi "

अंकुरित होता है जब मन में महिषासुर रूपी विचार, पोषित होता है जो काम से, क्रोध से और अहंकार, निरंतर सिंचित होता है जब ये विचार, जन्म लेता है तब एक विराट दानवी संस्कार। विनाश ही नियति है उसकी, जिसमे पनपते है ऐसे कुविचार, यही वो क्षण है, त्यागो लोभ, क्रोध और अहंकार, करो सत्य, प्रेम, धर्म, धैर्य और साहस रूपी "शक्ति" को अंगीकार, ऐसे ही विराट अवसर पर, आप सबको मंगलमय हो विजयादशमी का त्योहार। ©Gaurav Satyarthi

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