हदबस्त जरूरतें समय के साथ सिमट ही गईं, बचपना जो गय | हिंदी Poetry Vide

"हदबस्त जरूरतें समय के साथ सिमट ही गईं, बचपना जो गया साथ में मासूमियत भी गई, खो जाते हैं दुनिया भर की भीड़ में अकेले भी, झूठे लगते हैं ज़माने भर को चाहे नीयत हो सही। ©Nitin Sharma NiSn "

हदबस्त जरूरतें समय के साथ सिमट ही गईं, बचपना जो गया साथ में मासूमियत भी गई, खो जाते हैं दुनिया भर की भीड़ में अकेले भी, झूठे लगते हैं ज़माने भर को चाहे नीयत हो सही। ©Nitin Sharma NiSn

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