Promis और Trust ये दोनों बहुत ही साधारण से शब्द है, लेकिन इन शब्दों की गहराई को वही समझ सकता है ,जिसे कि रिश्ते निभाने की चाहत अंदर से हो अन्यथा normol person के लिए इस शब्द का कोई मूल्य नहीं है,इसलिए promis हमेशा सोचकर ही करना चाहिए specially आज के दौर मे
जब कि लोग सामने वाले की गलती का इंतजार करते हैं
©Rituraj Goyal
#lovebond