# S A F A R N A M A
तेरे सूरज से तो वाक़िफ़ हुँ, तेरे चाँद से मिलना चाहता हूँ।
एक गज़ब सवेरा है तुझमे
तेरे तिमर् की झलक रूहानी है
तेरी मस्त पहर से वाक़िफ़ हूँ
तेरी रात से मिलना चाहता हूँ
तेरे सूरज से तो वाक़िफ़ हूँ, तेरे चाँद से मिलना चाहता हूँ।
खुशनुमा जगहों की दिलकश फिज़ा
रातें साये की गुमनाम जगह
इन भीगी भीगी सड़कों पर, तेरे साथ घूमना चाहता हूँ
हसीं लम्हे तो जिये बहुत, तेरे दर्द को जीना चाहता हूँ
मैं इस उमर के हर पल को तेरे साथ बिताना चाहता हूँ
तेरे सूरज से तो वाक़िफ़ हूँ, तेरे चाँद से मिलना चाहता हूँ
तेरे नूर की चमक उजाले में
तेरे मासूम हरकती चेहरे में
हर जगह ही इश्क़ दिखता है
मुझे रात साँझ और सबेरे में
तेरी रात के काले साये में
बन खुशियाँ मिलना चाहता हूँ
तेरे सूरज से तो वाक़िफ़ हूँ, तेरे चाँद से मिलना चाहता हूँ।।
©Gaurav Bhardwaj
#meltingdown