सुनो तुम न अपनी यादों से कह दो कि रात को न आया करें,
क्योंकि जब वो रात को आती हैं तो हम सो नहीं पाते हैं,
और सो नहीं पाते हैं तो सपना नहीं देख पाते हैं,
सपना नहीं देख पाते हैं तो आपसे गुफ़्तगू नहीं कर पाते हैं,
और आपको पता है आपसे गुफ़्तगू न हो तो हम शुकूँ नहीं पाते हैं
©शरद सम्भली
शुकूँ