"Sweat and Blood परिंदे तू अभी पिंजड़े में है ज़रा संभल
हर कदम पहले कदम की तरह चल
ज़रूरी नहीं उजाला ही नसीब हो तेरा
कभी कभी अंधेरों के घूंट भी निगल
एक रोज ये बादल हट जाएंगे रस्ते से
तू रोज सूरज के मुआंफिक निकल
परिंदे....."
Sweat and Blood परिंदे तू अभी पिंजड़े में है ज़रा संभल
हर कदम पहले कदम की तरह चल
ज़रूरी नहीं उजाला ही नसीब हो तेरा
कभी कभी अंधेरों के घूंट भी निगल
एक रोज ये बादल हट जाएंगे रस्ते से
तू रोज सूरज के मुआंफिक निकल
परिंदे.....