किसके खज़ाने लुटे "
कौन कितना और कहां तक देगा साथ,यह
तो मिलन की पहली रात में ही, तय हो जाता है।
किसके खज़ाने लुटे और कौन मालामाल हुआ,
ये तो सुबह, चेहरा देखकर ही पता चल जाता है।
किसी किसी की तो ,दो पल में ही बस जाती
है दुनिया, और कोई ठगा ठगा सा रह जाता है।
©Anuj Ray
किसके ख़ज़ाने लुटे "