नमकीन खाई या अचार-परांठा
©Roopanjali singh parmar
इंस्टाग्राम और दुनिया भर के ऐप में फिल्टर मिल जाते हैं, जिनसे हम ख़ूबसूरत लगते हैं।
काश कुछ ऐसे फिल्टर भी होते जो वास्तविक जीवन में उपयोग में आते।
जैसे, खुश होने का फिल्टर, अवसाद से भरी ज़िन्दगी में रंग भरने का फिल्टर, रात भर रो-रोकर सूज चुकी आंखों को सामान्य दिखाने का फिल्टर, और सबसे महत्वपूर्ण, झूठी हँसी छुपा वास्तव में मुस्कुराने का फिल्टर।
छोड़ो यार..
मेरा मन रात में समुन्दर किनारे जाने का होता है.. डूबने के लिए नहीं बस यूँ ही रेत पर नंगे पांव चलते हुए वही सो जाने के लिए।
मैं इस शहर से दूर, लोगों से दूर एक ऐसी जगह जाना चाहती हूँ जहाँ आंखों के नीचे आ चुके ये बदसूरत गड्ढे मेरी चुगली किसी से नहीं करे।