"मुख बधिर की चीत्कार सुन मानवता शर्मसार हुई
देख करतूत मानव की इंसानियत भी हार गई
कोरोना जैसी महामारी के तुम वास्तविक हकदार हो
पिंजरे में कैद मानव से ही प्रकृति का उद्धार हो !!"
मुख बधिर की चीत्कार सुन मानवता शर्मसार हुई
देख करतूत मानव की इंसानियत भी हार गई
कोरोना जैसी महामारी के तुम वास्तविक हकदार हो
पिंजरे में कैद मानव से ही प्रकृति का उद्धार हो !!