वो पुरानी, यादें वो वादे लड़ना - झगड़ना, ग़ुस्सा हो ज | हिंदी शायरी

"वो पुरानी, यादें वो वादे लड़ना - झगड़ना, ग़ुस्सा हो जाना फ़िर अकेले में... उन बातों का, यादों में आ जाना फ़िर दिल सें निकले, बस एक शब्द काश वो दिन वापस आ जाये में अपनी गलती मान लू फ़िर एक बार, मेरे जीने कों उन पुराने यादों के संग तुम्हारे साथ जीने कों, नया नाम दू ©Chaitali Warghat"

 वो पुरानी, यादें वो वादे
लड़ना - झगड़ना, ग़ुस्सा हो जाना
फ़िर अकेले में...
उन बातों का, यादों में आ जाना
फ़िर दिल सें निकले, बस एक शब्द
काश वो दिन वापस आ जाये
में अपनी गलती मान लू
फ़िर एक बार, मेरे जीने कों
उन पुराने यादों के संग 
तुम्हारे साथ जीने कों, नया नाम दू

©Chaitali Warghat

वो पुरानी, यादें वो वादे लड़ना - झगड़ना, ग़ुस्सा हो जाना फ़िर अकेले में... उन बातों का, यादों में आ जाना फ़िर दिल सें निकले, बस एक शब्द काश वो दिन वापस आ जाये में अपनी गलती मान लू फ़िर एक बार, मेरे जीने कों उन पुराने यादों के संग तुम्हारे साथ जीने कों, नया नाम दू ©Chaitali Warghat

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