जिस तरह मकान की एक बार नींव डाल दी जाए।
दोबारा डालने की जरूरत नहीं होती।
ठीक उसी तरह दोस्ती भी एक बार गहरी हो जाए
तो दोबारा मिलना और बातें करना संभव ना हो पाए ,
तो भी ताउम्र कायम रहती है।।✍🏻
अगर मिलना बात करना दोस्ती में संभव ना हो पाए।
तो दोस्तों!इस तफ़क्कुर (सोच) से बिना मिले बाकी दिन भी काटे जा सकते हैं।।✍🏻
Happy friendship day mere pyare doston 😊🍁🌼🍁🌼🍁🌼🍁🌼🍁🌼
©Andaaz bayan
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