"दिल मे बांसुरी वाले छेद है
ओर हम भी अपने घरों में कैद है
आज उठा के लावो यारो मटके देसी
हालत हो गई है पुरानी जैसी थी वैसी
कोरोना करने लगा है हमारी ऐसी की तेसी
निकलू कैसे घर के बाहर ठीक करने तुम्हारे फ्रीज़, ऐ.सी"
दिल मे बांसुरी वाले छेद है
ओर हम भी अपने घरों में कैद है
आज उठा के लावो यारो मटके देसी
हालत हो गई है पुरानी जैसी थी वैसी
कोरोना करने लगा है हमारी ऐसी की तेसी
निकलू कैसे घर के बाहर ठीक करने तुम्हारे फ्रीज़, ऐ.सी