White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दु | हिंदी Poetry

"White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava"

 White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल 
दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल

कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है
अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल

सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां 
दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल

पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए
लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल

सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो 
गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल

जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े 
दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल

रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो 
दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल

©Madhusudan Shrivastava

White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava

#गजल
मुस्कुरा के रूप

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