दिल की बातें
दिल की बातें उतार रही हूं ,पन्नों पर ,
तुझसे हुई जो पहली मुलाकात मेरे घर पर,
आज भी वह प्यारी मुलाकात याद है,
देखने आए थे जब तुम मुझको ,
दिल ही दिल में कुछ बातें हुई थी,
तेरे और मेरे दिल जैसे कर रहे हैं रहे हो गुफ्तगू,
तेरी प्यार से भरी निगाह सीधे दिल में उतर गई,
तेरी हर कहीं बात बहुत कुछ कह गई,
तेरी हां पर ही रिश्ता टिका था,
पर तुमने मुझसे ही मेरी ख्वाहिश पूछ ली,
मेरी हां करने पर तू ने हां कर दी,
तभी तो आज हम हमसफर बन गए,
प्यार के इस अनमोल बंधन में बंध गए,
शादी के इन पवित्र फेरों से एक दूजे के हो गए, दिल से दिल की कही बातों से एक दूजे में खो गए।
©Harneet
#2DIL