"नज़र अपनी मिली है, तो नज़रिया किसी और का क्यों रखें।" "दरबदर भटक रहे है, कुछ यूँ अपनी ज़िंदगी को ढूंढ रहे है।" "ज़िंदगी का पता वही बता सकता है, जिसने ज़िंदगी जी हो, ना की गुज़ारी हो।" "ज़िंदगी से मेरा एक तरफा इश्क़ चल रहा है, पता नहीं और कितना वक़्त लगेगा साथ आने में।"
©R Rakesh
#Chaahat #shayaari #lovesadsayari #romanticshayari