कहीं दूर बहुत दूर,
बड़ी धीमी आवाज में चल रही कोई धुन,
जिस तरह चुपके से मन के कैनवास पर उतर कर
होठों से बह आती है…
उसी तरह…
महज़ एक मुख्तसर मुलाकात में,
ना जाने कब…
तेरी छुअन के एहसास मेरे दिल की कलाइयों पे
गहरे छाप छोड़ गए।
©Harshu
#Hum #तुम #हम #poem #कविता #शायरी #रात #प्यार