चलो तो सही,
रास्ता यूँ ही बनेगा,
उठो तो सही,
नींद यूँ ही टूटेगा।
यह ज़ख्म भी तो जरूरी था,
यह आंशु कोई कमजोरी नही,
गिरते वही जो चले,
भटकते वही,
जिनकी ख़ोज हो,
वरना सोया आदमी,
हर वख्त सोया ही रहता है,
आंखे खोलो तो सही,
कारवाओं का जहां दिखेगा,
चलो तो सही,
रास्ता यूँ ही बनेगा,
उठो तो सही,
नींद यूँ ही टूटेगा।
©Prashant Roy
#चलो तो सही gaTTubaba nida @Rakesh Srivastava @Chandan Chandu @anil anilabh