Lover क्या था मुझमें रात भर वो ढूंढता रहा, मिरी | हिंदी शायरी
"Lover क्या था मुझमें रात भर वो ढूंढता रहा,
मिरी बातें इत्मीनान से सुनता रहा!
उसने सपने दिखाए मुझको सब झूठे,
उसके साथ खोखले सपने बुनता रहा!
कविराज अनुराग"
Lover क्या था मुझमें रात भर वो ढूंढता रहा,
मिरी बातें इत्मीनान से सुनता रहा!
उसने सपने दिखाए मुझको सब झूठे,
उसके साथ खोखले सपने बुनता रहा!
कविराज अनुराग