मेरी कहानी का किरदार
कुछ यूं अधूरा रह गया
अनसुलझी पहेली सा मैं
बस उलझता चला गया
कुछ बयां ए तशरीफ़ रख दे तो
मजाक बन कर रह जाता है
दुनियां वालों के लिए
इसलिए
खुद की दास्तां खुद को सुनाने लगे हैं
खुद की तारीफें खुद में अफजाया करने लगे हैं
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pahadi shayar
©Kandari.Ak
अनसुलझी पहेली