पिता का मूल्य कई बार बहुत देर से समझ आता है!
वो क्या मायने रखते है जिंदगी मे ये वक़्त बताता है!!
बचपन मे उनकी हर डांट पे सबको गुस्सा आता था !
और आज हमारा काबिल होना उनकी डांट की अहमियत समझाता है!!
माँ ने जब लड़ाए लाड तो बेटा कच्चा ढांचा था!
पिता अनुशासन की मिटी से उसको मजबूत ईमारत बनाता है!!
कितने भी बड़े हो जाये हम या कुछ भी छुपा ले हम उनसे!
आज भी चेहरा देख के हमारा, वो दर्द एक पल मे समझ जाता है!!
अपनी गुढ़ी कमाई से वो घर के खर्चे चलाता है!
छोटी छोटी बचते करके फिर वो घर बनवाता है!!
फिर जो बचता है बच्चों का भविष्य बनाता है!
सब कुछ करके भी कई बार वो बच्चों के साथ रह भी नहीं पता है!!😔
क्यों बड़े हो जाओ तो पिता को कुछ बता नहीं सकते!
क्यों पिता को जोर जोर से रोके गले लगा नहीं सकते !!😭
क्यूँ दिल चाहता है की उनको अब कोई दुख ना हो!
क्यूं बचपन वाले पापा समझके अब उनको हँसा नहीं सकते!!
क्यूं पिता सिर्फ रोटी कपड़ा और मकान है!
सबकी जरुरत पूरी करता वो भी एक इंसान है!!
*गिरधर* समझ नहीं पाता दुनिया मे क्यूँ सिर्फ माँ महान है!
दोनों पहिये जब साथ है चलते तब ही परिवार मे जान है!!
©Sachin Girdhar
loveupapa😘😘