मेरी नज़र से नज़र मिलाकर बे-क़रार कर गया। ख्यालों का खंजर ज़िगर के आर पार कर गया। उससे हाथ मिलाया बहुत ही संजीदगी से मगर मोहब्बत के चुनाव का मुझें उमीदवार कर गया।। ©शुभेंद्र सिंह 'संन्यासी' # मोहब्बत की कहानियाँ "अब्र" 2.0 कुमार रंजीत Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto